Confluence India
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सीखते जाना है
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर कुछ न कुछ सीखते जाना है
गली के नुक्कड़ से लेकर आसमान तक
जहाँ नज़रें उठाओ
कुछ न कुछ सीखने को मिल जाता है ।
एक बच्चे को देखा ,
उसकी मासूमियत मन को मोह गयी
एक चींटी को देखा
उसकी पहाड़ चड़ने की जद्दो जहद
दिल को छू गयी
एक चील को देखा
उसकी तरह ऊंचा उड़ने की ख्वाइश
मन को हो गयी ।
चलते चलते राह में उत्तम बनने का तो पता नहीं
पर एक कोशिश ज़रूर करते जाना है
सही गलत का तो पता नहीं
पर अच्छा बनने की होड़ में
हर किसी से कुछ न कुछ सीखते जाना है ।
आरज़ू अग्रवाल
कांफ्लूएंस इंडिया
confluenceindia.blogspot.com
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